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॥ श्री गणेशाय नमः ॥

श्री­मा­त­ङ्गी­अ­ष्टो­त्त­र­श­त­ना­मा­व­ली


श्री ⸸ न­मः † म­हा­म­त्त­मा­त­ङ्गि­न्यै सि­द्धि­रू­पा­यै यो­गि­न्यै भ­द्र­का­ल्यै र­मा­यै भ­वा­न्यै भ­य­प्री­ति­दा­यै भू­ति­यु­क्ता­यै भ­वा­रा­धि­ता­यै भू­ति­स­म्प­त्ति­क­र्यै ज­ना­धी­श­मा­त्रे ध­ना­गा­र­दृ­ष्ट्यै ध­ने­शा­र्चि­ता­यै धी­व­रा­यै धी­व­रा­ङ्ग्यै प्र­कृ­ष्टा­यै प्र­भा­रू­पि­ण्यै का­म­रू­पा­यै प्र­हृ­ष्टा­यै म­हा­की­र्ति­दा­यै क­र्ण­ना­ल्यै का­ल्यै भ­गा­घो­र­रू­पा­यै भ­गा­ङ्ग्यै भ­गा­वा­ह्यै भ­ग­प्री­ति­दा­यै भि­म­रू­पा­यै भ­वा­नी­म­हा­कौ­शि­क्यै को­श­पू­र्णा­यै कि­शो­र्यै कि­शो­र­प्रि­या­न­न्द­ई­हा­यै म­हा­का­र­णा­यै का­र­णा­यै क­र्म­शी­ला­यै क­पा­ल्यै प्र­सि­द्धा­यै म­हा­सि­द्ध­ख­ण्डा­यै म­का­र­प्रि­या­यै मा­न­रू­पा­यै म­हे­श्यै म­हो­ल्ला­सि­न्यै ला­स्य­ली­ला­ल­या­ङ्ग्यै क्ष­मा­यै क्षे­म­शी­ला­यै क्ष­पा­का­रि­ण्यै अ­क्ष­य­प्री­ति­दा­भू­ति­यु­क्ता­भ­वा­न्यै भ­वा­रा­धि­ता­भू­ति­स­त्या­त्मि­का­यै प्र­भो­द्भा­सि­ता­यै भा­नु­भा­स्व­त्क­रा­यै च­ल­त्कु­ण्ड­ला­यै का­मि­नी­का­न्त­यु­क्ता­यै क­पा­ला­ऽच­ला­यै का­ल­को­द्धा­रि­ण्यै क­द­म्ब­प्रि­या­यै को­ट­र्यै को­ट­दे­हा­यै क्र­मा­यै की­र्ति­दा­यै क­र्ण­रू­पा­यै का­क्ष्म्यै क्ष­मा­ङ्यै क्ष­य­प्रे­म­रू­पा­यै क्ष­पा­यै क्ष­या­क्षा­यै क्ष­या­ह्वा­यै क्ष­य­प्रा­न्त­रा­यै क्ष­व­त्का­मि­न्यै क्षा­रि­ण्यै क्षी­र­पू­षा­यै शि­वा­ङ्ग्यै शा­क­म्भ­र्यै शा­क­दे­हा­यै म­हा­शा­क­य­ज्ञा­यै फ­ल­प्रा­श­का­यै श­का­ह्वा­श­का­ख्या­श­का­यै श­का­क्षा­न्त­रो­षा­यै सु­रो­षा­यै सु­रे­खा­यै म­हा­शे­ष­य­ज्ञो­प­वी­त­प्रि­या­यै ज­य­न्ती­ज­या­जा­ग्र­ती­यो­ग्य­रू­पा­यै ज­या­ङ्गा­यै ज­प­ध्या­न­स­न्तु­ष्ट­सं­ज्ञा­यै ज­य­प्रा­ण­रू­पा­यै ज­य­स्व­र्ण­दे­हा­यै ज­य­ज्वा­लि­न्यै या­मि­न्यै या­म्य­रू­पा­यै ज­ग­न्मा­तृ­रू­पा­यै ज­ग­द्र­क्ष­णा­यै स्व­धा­वौ­ष­ड­न्ता­यै वि­ल­म्बा­वि­ल­म्बा­यै ष­ड­ङ्गा­यै म­हा­ल­म्ब­रू­पा­ऽसि­ह­स्ता­ऽऽप्दा­हा­रि­ण्यै म­हा­म­ङ्ग­ला­यै म­ङ्ग­ल­प्रे­म­की­र्त्यै नि­शु­म्भ­क्षि­दा­यै शु­म्भ­द­र्प­त्व­हा­यै आ­न­न्द­बी­जा­दि­स्व­रू­पा­यै मु­क्ति­स्व­रू­पा­यै च­ण्ड­मु­ण्डा­प­दा­यै मु­ख्य­च­ण्डा­यै प्र­च­ण्डा­ऽप्र­च­ण्डा­यै म­हा­च­ण्ड­वे­गा­यै च­ल­च्चा­म­रा­यै चा­म­रा­च­न्द्र­की­र्त्यै सु­चा­मि­क­रा­यै चि­त्र­भू­षो­ज्ज्व­ला­ङ्ग्यै सु­स­ङ्गी­त­गी­ता­यै † ॥
इ­ति श्री­मा­त­ङ्गी­अ­ष्टो­त्त­र­श­त­ना­मा­व­लिः स­म्पू­र्णा ॥

॥ ॐ श्यामाशिवभ्यां नमः ॥