॥ श्री गणेशाय नमः ॥
श्रीछिन्नमस्ताष्टोत्तरशतनामावली
श्री ⸸ नमः † छिन्नमस्तायै महाविद्यायै महाभीमायै महोदर्यै चण्डेश्वर्यै चण्डमात्रे चण्डमुण्डप्रभञ्जिन्यै महाचण्डायै चण्डरूपायै चण्डिकायै चण्डखण्डिन्यै क्रोधिन्यै क्रोधजनन्यै क्रोधरूपायै कुहवे कलायै कोपातुरायै कोपयुतायै कोपसंहारकारिण्यै वज्रवैरोचन्यै वज्रायै वज्रकल्पायै डाकिन्यै डाकिनीकर्मनिरतायै डाकिनीकर्मपूजितायै डाकिनीसङ्गनिरतायै डाकिनीप्रेमपूरितायै खट्वाङ्गधारिण्यै खर्वायै खड्गधारिण्यै खप्परधारिण्यै प्रेतासनायै प्रेतयुतायै प्रेतसङ्गविहारिण्यै छिन्नमुण्डधरायै छिन्नचण्डविद्यायै चित्रिण्यै घोररूपायै घोरदृष्ट्यै घोररावायै घनोदर्यै योगिन्यै योगनिरतायै जपयज्ञपरायणायै योनिचक्रमय्यै योनये योनिचक्रप्रवर्तिन्यै योनिमुद्रायै योनिगम्यायै योनियन्त्रनिवासिन्यै यन्त्ररूपायै यन्त्रमय्यै यन्त्रेश्यै यन्त्रपूजितायै कीर्त्यायै कपर्दिन्यै काल्यै कङ्काल्यै कलकारिण्यै आरक्तायै रक्तनयनायै रक्तपानपरायणायै भवान्यै भूतिदायै भूत्यै भूतिदात्र्यै भैरव्यै भैरवाचारनिरतायै भूतसेवितायै भैरवसेवितायै भीमायै भीमेश्वरीदेव्यै भीमनादपरायणायै भवाराध्यायै भवनुतायै भवसागरतारिण्यै भद्रकाल्यै भद्रतनवे भद्ररूपायै भद्रिकाभद्ररूपायै महाभद्रायै सुभद्रायै भद्रपालिन्यै सुभव्यायै भव्यवदनायै सुमुख्यै सिद्धसेवितायै सिद्धिदायै सिद्धिनिवहायै सिद्धनिषेवितायै असिद्धनिषेवितायै शुभदायै शुभगायै शुद्धायै शुद्धसत्त्वायै शुभावहायै श्रेष्ठायै दृष्टिमयीदेव्यै दृष्टिसंहारकारिण्यै शर्वाण्यै सर्वगायै सर्वायै सर्वमङ्गलकारिण्यै शिवायै शान्तायै शान्तिरूपायै मृडान्यै मदनातुरायै † ॥
इति श्रीछिन्नमस्ताष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णा ॥
॥ ॐ श्यामाशिवभ्यां नमः ॥