॥ श्री गणेशाय नमः ॥
श्रीभैरवीअष्टोत्तरशतनामावली
श्री ⸸ नमः † भैरव्यै भैरवाराध्यायै भूतिदायै भूतभावनायै कार्यायै ब्राह्म्यै कामधेनवे सर्वसम्पत्प्रदायिन्यै त्रैलोक्यवन्दितदेव्यै महिषासुरमर्दिन्यै मोहिन्यै मालतीमालायै महापातकनाशिन्यै क्रोधिन्यै क्रिधनिलयायै क्रोधरक्तेक्षणायै कुह्वे त्रिपुरायै त्रिपुराधारायै त्रिनेत्रायै भीमभैरव्यै देवक्यै देवमात्रे देवदुष्टविनाशिन्यै दामोदरप्रियायै दीर्घायै दुर्गायै दुर्गतिनाशिन्यै लम्बोदर्यै लम्बकर्णायै प्रलम्बितपयोधरायै प्रत्यङ्गिरायै प्रतिपदायै प्रणतक्लेशनाशिन्यै प्रभावत्यै गुणवत्यै गणमात्रे गुह्येश्वर्यै क्षीराब्धितनयायै क्षेम्यायै जगत्त्राणविधायिन्यै महामार्यै महामोहायै महाक्रोधायै महानद्यै महापातकसंहर्त्र्यै महामोहप्रदायिन्यै विकरालायै महाकालायै कालरूपायै कलावत्यै कपालखट्वाङ्गधरायै खड्गधारिण्यै खर्परधारिण्यै कुमार्यै कुंकुमप्रीतायै कुंकुमारुणरञ्जितायै कौमोदक्यै कुमुदिन्यै कीर्त्यायै कीर्तिप्रदायिन्यै नवीनायै नीरदायै नित्यायै नन्दिकेश्वरपालिन्यै घर्घरायै घर्घरारावायै घोरायै घोरस्वरूपिण्यै कलिघ्न्यै कलिधर्मघ्न्यै कलिकौतुकनाशिन्यै किशोर्यै केशवप्रीतायै क्लेशसङ्घनिवारिण्यै महोत्तमायै महामत्तायै महाविद्यायै महीमय्यै महायज्ञायै महावाण्यै महामन्दरधारिण्यै मोक्षदायै मोहदायै मोहायै भुक्तिप्रदायिन्यै मुक्तिप्रदायिन्यै अट्टाट्टहासनिरतायै क्वणन्नूपुरधारिण्यै-(क्वनत्)- दीर्घदंष्ट्रायै दीर्घमुख्यै दीर्घघोणायै दीर्घिकायै दनुजान्तकर्यै दुष्टायै दुःखदारिद्रयभञ्जिन्यै दुराचारायै दोषघ्न्यै दमपत्न्यै दयापरायै मनोभवायै मनुमय्यै मनुवंशप्रवर्द्धिन्यै श्यामायै श्यामतनवे शोभायै सौम्यायै शम्भुविलासिन्यै † ॥
इति भैरव्यष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णा ॥
॥ ॐ श्यामाशिवभ्यां नमः ॥