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॥ श्री गणेशाय नमः ॥

ब­ग­ला­ष्टो­त्त­र­श­त­ना­मा­व­ली


श्री ⸸ न­मः † ब्र­ह्मा­स्त्र­रू­पि­णी­दे­वी­मा­ता­श्री­ब­ग­ला­मु­ख्यै चि­च्छ­क्त्यै ज्ञा­न­रू­पा­यै ब्र­ह्मा­न­न्द­प्र­दा­यि­न्यै म­हा­वि­द्या­यै म­हा­ल­क्ष्म्यै म­त्त्रि­पु­र­सु­न्द­र्यै भु­व­ने­श्यै ज­ग­न्मा­त्रे पा­र्व­त्यै स­र्व­म­ङ्ग­ला­यै ल­लि­ता­यै भै­र­व्यै शा­न्ता­यै अ­न्न­पू­र्णा­यै कु­ले­श्व­र्यै वा­रा­ह्यै छि­न्न­म­स्ता­यै ता­रा­यै का­ल्यै स­र­स्व­त्यै ज­ग­त्पू­ज्या­यै म­हा­मा­या­यै का­मे­श्यै भ­ग­मा­लि­न्यै द­क्ष­पु­त्र्यै शि­वा­ङ्क­स्था­यै शि­व­रू­पा­यै शि­व­प्रि­या­यै स­र्व­स­म्प­त्क­री­दे­व्यै स­र्व­लो­क­व­श­ङ्क­र्यै वे­द­वि­द्या­यै म­हा­पू­ज्या­यै भ­क्ता­द्वे­ष्यै भ­य­ङ्क­र्यै स्त­म्भ­रू­पा­यै स्त­म्भि­न्यै दु­ष्ट­स्त­म्भ­न­का­रि­ण्यै भ­क्त­प्रि­या­यै म­हा­भो­गा­यै श्री­वि­द्या­यै ल­लि­ता­म्बि­का­यै मे­ना­पु­त्र्यै शि­वा­न­न्दा­यै मा­त­ङ्ग्यै भु­व­ने­श्व­र्यै ना­र­सिं­ह्यै न­रे­न्द्रा­यै नृ­पा­रा­ध्या­यै न­रो­त्त­मा­यै ना­गि­न्यै ना­ग­पु­त्र्यै न­ग­रा­ज­सु­ता­यै उ­मा­यै पी­ता­म्ब­रा­यै पी­त­पु­ष्पा­यै पी­त­व­स्त्र­प्रि­या­यै शु­भा­यै पी­त­ग­न्ध­प्रि­या­यै रा­मा­यै पी­त­र­त्ना­र्चि­ता­यै शि­वा­यै अ­र्द्ध­च­न्द्र­ध­री­दे­व्यै ग­दा­मु­द्ग­र­धा­रि­ण्यै सा­वि­त्र्यै त्रि­प­दा­यै शु­द्धा­यै स­द्यो­रा­ग­वि­व­र्द्धि­न्यै वि­ष्णु­रू­पा­यै ज­ग­न्मो­हा­यै ब्र­ह्म­रू­पा­यै ह­रि­प्रि­या­यै रु­द्र­रू­पा­यै रु­द्र­श­क्त्यै चि­न्म­य्यै भ­क्त­व­त्स­ला­यै लो­क­मा­ता­शि­वा­यै स­न्ध्या­यै शि­व­पू­ज­न­त­त्प­रा­यै ध­ना­ध्य­क्षा­यै ध­ने­श्यै ध­र्म­दा­यै ध­न­दा­यै ध­ना­यै च­ण्ड­द­र्प­ह­री­दे­व्यै शु­म्भा­सु­र­नि­व­र्हि­ण्यै रा­ज­रा­जे­श्व­री­दे­व्यै म­हि­षा­सु­र­म­र्दि­न्यै म­धु­कै­ट­भ­ह­न्त्र्यै र­क्त­बी­ज­वि­ना­शि­न्यै धू­म्रा­क्ष­दै­त्य­ह­न्त्र्यै च­ण्डा­सु­र­वि­ना­शि­न्यै रे­णु­पु­त्र्यै म­हा­मा­या­यै भ्रा­म­र्यै भ्र­म­रा­म्बि­का­यै ज्वा­ला­मु­ख्यै भ­द्र­का­ल्यै श­त्रु­ना­शि­न्यै इ­न्द्रा­ण्यै इ­न्द्र­पू­ज्या­यै गु­ह­मा­त्रे गु­णे­श्व­र्यै व­ज्र­पा­श­ध­रा­दे­व्यै जि­ह्वा­धा­रि­ण्यै मु­द्ग­र­धा­रि­ण्यै भ­क्ता­न­न्द­क­री­दे­व्यै ब­ग­ला­प­र­मे­श्व­र्यै † ॥
इ­ति ब­ग­ला­ष्टो­त्त­र­श­त­ना­मा­व­ली ॥

॥ ॐ श्यामाशिवभ्यां नमः ॥