॥ श्री गणेशाय नमः ॥
कालीतांडवस्तुतिः
नमो देवि अनन्तरूपिणी प्रणत पलिनी माँ ॥ १ ॥
जय कालि विकरालिनी नृकपालिनी करमालिनी ।
निखिलस्वामिनी कालकामिनी भामिनि शशिभालिनी ॥ २ ॥
महाघोरा पद्विभोरा रुद्रतारा दनुजदलिनी ।
मुक्तकेशिनी तपोवेशिनी अट्टहासिनी मुण्डमालिनी ॥ ३ ॥
गिरिशगेहिनी विश्वगेहिनी भुवनमोहिनी त्रिगुणशालिनी ।
मङ्गले कलिमूलनाशिनी दितिजकलुषप्रक्षालिनी ॥ ४ ॥
इति कालीतांडवस्तुतिः ॥
॥ ॐ श्यामाशिवभ्यां नमः ॥