॥ श्री गणेशाय नमः ॥
श्रीकमलाष्टोत्तरशतनामावली
श्री ⸸ नमः † महामायायै महालक्ष्म्यै महावाण्यै महेश्वर्यै महादेव्यै महारात्र्यै महिषासुरमर्दिन्यै कालरात्र्यै कुहवै पूर्णायै आनन्दायै आद्यायै भद्रिकायै निशायै जयायै रिक्तायै महाशक्त्यै देवमात्रे कृशोदर्यै शच्यै इन्द्राण्यै शक्रनुतायै शङ्करप्रियवल्लभायै महावराहजनन्यै मदनोन्मथिन्यै मह्यै वैकुण्ठनाथरमण्यै विष्णुवक्षस्थलस्थितायै विश्वेश्वर्यै विश्वमात्रे वरदायै अभयदायै शिवायै शूलिन्यै चक्रिण्यै पद्मायै पाशिन्यै शङ्खधारिण्यै गदिन्यै मूण्डमालायै कमलायै करुणालयायै पद्माक्षधारिण्यै अम्बायै महाविष्णुप्रियङ्कर्यै गोलोकनाथरमण्यै गोलोकेश्वरपूजितायै गयायै गङ्गायै यमुनायै गोमत्यै गरुडासनायै गण्डक्यै सरय्वै ताप्यै रेवायै पयस्विन्यै नर्मदायै कावेर्यै कोदारस्थलवासिन्यै किशोर्यै केशवनुतायै महेन्द्रपरिवन्दितायै ब्रह्मादिदेवनिर्माणकारिण्यै देवपूजितायै कोटिब्रह्माण्डमध्यस्थायै कोटिब्रह्माण्डकारिण्यै श्रुतिरूपायै श्रुतिकर्य्यै श्रुतिस्मृतिपरायणायै इन्दिरायै सिन्धुतनयायै मातङ्ग्यै लोकमातृकायै त्रिलोकजनन्यै तन्त्रायै तन्त्रमन्त्रस्वरूपिण्यै तरुण्यै तमोहन्त्र्यै मङ्गलायै मङ्गलायनायै मधुकैटभमथिन्यै शुम्भासुरविनाशिन्यै निशुम्भादिहरायै मात्रे हरिपूजितायै शङ्करपूजितायै सर्वदेवमय्यै सर्वायै शरणागतपालिन्यै शरण्यायै शम्भुवनितायै सिन्धुतीरनिवासिन्यै गन्धार्वगानरसिकायै गीतायै गोविन्दवल्लभायै त्रैलोक्यपालिन्यै तत्त्वरूपतारुण्यपूरितायै चन्द्रावल्यै चन्द्रमुख्यै चन्द्रिकायै चन्द्रपूजितायै चन्द्रायै शशाङ्कभगिन्यै गीतवाद्यपरायण्यै सृष्टिरूपायै सृष्टिकर्यै सृष्टिसंहारकारिण्यै † ॥
इति श्रीकमलाष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णा ॥
॥ ॐ श्यामाशिवभ्यां नमः ॥