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॥ श्री गणेशाय नमः ॥

म­हा­वा­रा­ह्य­ष्टो­त्त­र­श­त­ना­मा­व­ली


ॐ ⸸ न­मः † न­मो­-व­रा­ह­व­द­ना­यै न­मो­-वा­रा­ह्यै व­र­रू­पि­ण्यै क्रो­डा­न­ना­यै को­ल­मु­ख्यै ज­ग­द­म्बा­यै त­रु­ण्यै वि­श्वे­श्व­र्यै श­ङ्खि­न्यै च­क्रि­ण्यै ख­ड्ग­शू­ल­ग­दा­ह­स्ता­यै मु­स­ल­धा­रि­ण्यै ह­ल­स­का­दि­-स­मा­यु­क्ता­यै भ­क्ता­ना­म­भ­य­प्र­दा­यै इ­ष्टा­र्थ­दा­यि­न्यै घो­रा­यै म­हा­घो­रा­यै म­हा­मा­या­यै वा­र्ता­ल्यै ज­ग­दी­श्व­र्यै अ­न्धे­-अ­न्धि­न्यै रु­न्धे­-रु­न्धि­न्यै ज­म्भे­-ज­म्भि­न्यै मो­हे­-मो­हि­न्यै स्त­म्भे­-स्त­म्भि­न्यै दे­वे­श्यै श­त्रु­ना­शि­न्यै अ­ष्ट­भु­जा­यै च­तु­र्ह­स्ता­यै उ­न्न­त­भै­र­वा­ङ्ग­स्था­यै क­पि­ला­लो­च­ना­यै प­ञ्च­म्यै लो­के­श्यै नी­ल­म­णि­प्र­भा­यै अ­ञ्ज­ना­द्रि­प्र­ती­का­शा­यै सिं­हा­रु­द्रा­यै त्रि­लो­च­ना­यै श्या­म­ला­यै प­र­मा­यै ई­शा­न्यै नी­ल्यै इ­न्दी­व­र­स­न्नि­भा­यै क­ण­स्था­न­स­मो­पे­ता­यै क­पि­ला­यै क­ला­त्मि­का­यै अ­म्बि­का­यै ज­ग­द्धा­रि­ण्यै भ­क्तो­प­द्र­व­ना­शि­न्यै स­गु­णा­यै नि­ष्क­ला­यै वि­द्या­यै नि­त्या­यै वि­श्व­व­श­ङ्क­र्यै म­हा­रू­पा­यै म­हे­श्व­र्यै म­हे­न्द्रि­ता­यै वि­श्व­व्या­पि­न्यै दे­व्यै प­शू­ना­म­भ­य­का­रि­ण्यै का­लि­का­यै भ­य­दा­यै ब­लि­मां­स­म­हा­प्रि­या­यै ज­य­भै­र­व्यै कृ­ष्णा­ङ्गा­यै प­र­मे­श्व­र­व­ल्ल­भा­यै नु­दा­यै स्तु­त्यै सु­रे­शा­न्यै ब्र­ह्मा­दि­व­र­दा­यै स्व­रू­पि­ण्यै सु­रा­ना­म­भ­य­प्र­दा­यै व­रा­ह­दे­ह­स­म्भू­ता­यै श्रो­णि­वा­रा­ल­से क्रो­धि­न्यै नी­ला­स्या­यै शु­भ­दा­यै शु­भ­वा­रि­ण्यै श­त्रू­णां-वा­क्स्त­म्भ­न­का­रि­ण्यै क­टि­स्त­म्भ­न­का­रि­ण्यै म­ति­स्त­म्भ­न­का­रि­ण्यै सा­क्षी­स्त­म्भ­न­का­रि­ण्यै मू­क­स्त­म्भि­न्यै जि­ह्वा­स्त­म्भि­न्यै दु­ष्टा­नां-नि­ग्र­ह­का­रि­ण्यै शि­ष्टा­नु­ग्र­ह­का­रि­ण्यै स­र्व­श­त्रु­क्ष­य­क­रा­यै श­त्रु­सा­द­न­का­रि­ण्यै श­त्रु­वि­द्वे­ष­ण­का­रि­ण्यै भै­र­वी­प्रि­या­यै म­न्त्रा­त्मि­का­यै य­न्त्र­रू­पा­यै त­न्त्र­रू­पि­ण्यै पी­ठा­त्मि­का­यै दे­व­दे­व्यै श्रे­य­स्का­रि­ण्यै चि­न्ति­ता­र्थ­प्र­दा­यि­न्यै भ­क्ता­ल­क्ष्मी­वि­ना­शि­न्यै स­म्प­त्प्र­दा­यै सौ­ख्य­का­रि­ण्यै बा­हु­वा­रा­ह्यै स्व­प्न­वा­रा­ह्यै भ­ग­व­त्यै­-न­मो ई­श्व­र्यै स­र्वा­रा­ध्या­यै स­र्व­म­या­यै स­र्व­लो­का­त्मि­का­यै म­हि­ष­ना­शि­ना­यै बृ­ह­द्वा­रा­ह्यै † ॥ इ­ति वा­रा­ह्य­ष्टो­त्त­र­श­त­ना­मा­व­लिः स­म्पू­र्णा ॥

॥ ॐ श्यामाशिवभ्यां नमः ॥